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रायपुर/ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की हल्बी भाषा प्रवेशिका पुस्तक का किया विमोचन।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की हल्बी भाषा प्रवेशिका पुस्तक का किया विमोचन

रायपुर/ राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2022 के अंतर्गत तीन से आठ साल तक के बच्चों की मातृभाषा, घर की भाषा, तथा आंचलिक भाषा में शिक्षा दान की व्यवस्था किया गया है। भारत के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों कक्षा के शिक्षा दान प्रणाली को समझ नहीं पाते हैं। यह स्कूल का शिक्षा दान व्यवस्था को प्रभावित करता है। इसी तारतम्य में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन में भारतीय भाषा संस्थान मैसूर भारत सरकार द्वारा पूर्वी क्षेत्रीय भाषा केन्द्र भुवनेश्वर उड़ीसा में सात दिवसीय कार्यशाला भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के डायरेक्टर प्रोफेसर शैलेन्द्र मोहन, पूर्वी क्षेत्रीय भाषा केन्द्र भुवनेश्वर के प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर डॉ सुजय सरकार, डॉ विनय पटनायक शिक्षा विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य प्रामर्शदाता भारत सरकार के मार्गदर्शन में हल्बी भाषा में स्थानीय गीत, कविता, कहानियां, वार्तालाप एवं चित्र को वर्ण और शब्दों के माध्यम से बच्चों को ध्वनि परिचय, वर्ण परिचय, पढ़ने एवं लेखन अभ्यास के लिए भाषा शिक्षण पुस्तक हल्बी भाषा प्रवेशिका का निर्माण कृष्णपाल राणा राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक, आदिम जनजाति शोधकर्ता, एवं महासचिव अखिल भारतीय आदिवासी हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा, दामेसाय बघेल व्याख्याता, आदिम जनजाति शोधकर्ता एवं संरक्षक हल्बा समाज पखांजूर, एवं हेमलता बघेल प्रधानाध्यापक के द्वारा हल्बी भाषा शिक्षण पुस्तक निर्माण किया गया। इस पुस्तक का निर्माण करने में लतेलराम नाईक अध्यक्ष आदिवासी हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा, शिवकुमार पात्र पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा, बिरेंद्र चनाप अध्यक्ष 32 गढ़ महासभा, एवं डॉ रतिराम साहनी जी विशेष सहयोग रहा।

इस पुस्तक का विमोचन प्रधानमंत्री माननीय श्री धर्मेन्द्र प्रधान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार, डॉ संजय प्रमुख सचिव के द्वारा 9 मार्च को दिल्ली में किया गया । हल्बी बालबोधिनी मातृभाषा हल्बी के साथ हिंदी और अंग्रेजी शब्दों के साथ चित्र एवं कविता द्वारा वर्णमाला, बारहखड़ी, गिनती आदि का समावेश है। यह पुस्तक हल्बा जनजाति के जहां निवासरत है छत्तीसगढ़ राज्य के साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा और असम में नया शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ उपलब्ध कराई जाएगी। हल्बी बालबोधिनी पुस्तक निर्माण करने के लिए कृष्णपाल राणा, दामेसाय बघेल और हेमलता बघेल को भारतीय भाषा संस्थान शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग भारत सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर भुवनेश्वर में सम्मानित किया गया। इस पुस्तक के निर्माण करने वाले कृष्णपाल राणा के द्वारा साहित्य के क्षेत्र में हल्बा जनजाति एवं उनकी लोक संस्कृति, हल्बा सामाजिक ताना-बाना, पूरखती कागजात एवं अनेक लेख के साथ साथ शिक्षा, समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राज्यपाल पुरस्कार एवं ब्लाक जिला संभाग राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। दामेसाय बघेल को हल्बा सामाजिक ताना-बाना, पूरखती कागजात एवं अनेक लेख एवं समाज सेवा, शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ब्लाक, जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। हेमलता बघेल को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए शिक्षा दूत से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए हल्बी बालबोधिनी पुस्तक निर्माण कार्य करने पर श्याम धावड़े कमिश्नर बस्तर संभाग, गोविंद चुरेन्द्र कमिश्नर सरगुजा संभाग, पदुम सिंह एल्मा आइएएस, माधुरी सोम ठाकुर डिप्टी कमिश्नर बस्तर संभाग, लतेलराम नाईक अध्यक्ष आदिवासी हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा, शिवकुमार पात्र पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक, बिरेंद्र चनाप अध्यक्ष 32 गढ़ महासभा, डॉ देवेन्द्र माहला अध्यक्ष 36 गढ़ केन्द्रीय महासभा, महेंद्र कोठेवार अध्यक्ष मध्यप्रदेश महासभा, किरसान महाराष्ट्र महासभा, डॉ आर. आर. साहनी, हीरालाल मांझी, किशोर धनेलिया, हेमंत वैध, बहादुर देहारी, शोभीराम देहारी शोभाराम बघेल, लक्ष्मण खुड़श्याम, अनिल कश्यप, खगेन्द्र नरवास श्रीराम बघेल एवं शिवप्रसाद बघेल द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दी गई।

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