छत्तीसगढ़भानुप्रतापपुर

भानुप्रतापपुर/ तालाब का जांच करने डीएफओ ने लिखा पत्र, एसडीओ करेंगे जांच।

कार्य से अधिक पेमेंट हुआ है तो होंगी वशूली: डीएफओ

तालाब का जांच करने डीएफओ ने लिखा पत्र, एसडीओ करेंगे जांच

कार्य से अधिक पेमेंट हुआ है तो होंगी वशूली: डीएफओ

भानुप्रतापपुर। वन्य प्राणियों को जंगल मे ही पानी उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग द्वारा नरवा योजना के तहत कैम्पा मद से लगभग 25 लाख की लागत से दो तालाब का निर्माण किया गया है। जिसमें कम कार्य कराकर अधिक राशि आहरण करने का मामला आया है। जिसकी ख़बर को प्रमुखता से 11 मार्च को प्रकाशित किया गया था जिसके बाद पूर्व वन मंडला अधिकारी जाधव श्रीकृष्ण के द्वारा उपमंडला अधिकारी आईपी गैंदले को पत्र लिखकर मौके का निरीक्षण कर तालाब का नापजोक कर जांचकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। अगर कार्य कम कराकर अधिक राशि आहरण किया गया होंगा तो उसकी वशूली किया जायेगा ।

वन विभाग द्वारा जंगल व पहाड़ी किराने तालाब बनाकर बारिश के पानी को संग्रहित करने का कार्य किया जा रहा हैं। जिससे भूजल तो ऊपर उठेगा ही साथ ही यह पानी किसानों के सिंचाई में भी उपयोग होता हैं साथ ही जंगली जीव जंतुओं के लिए भी जंगल में पानी उपलब्ध हो जाता हैं। भानुप्रतापपुर वन परिक्षेत्र मोहन नेताम द्वारा ग्राम मरदेल के पहाड़ी किनारे जल संरक्षण व जंगली जीव जंतुओं के प्यास बुझाने के उद्देश्य से लगभग 25 लाख के दो तालाब का निर्माण किया गया है। तालाब निर्माण में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है की वन विभाग द्वारा मजदूरों से कार्य न करा कर जेसीबी मशीन से कार्य कराया गया है। आगर मजदूरों से यहां कार्य कराया गया होता तो आसपास गांव के ग्रामीणों को कुछ दिन रोजगार मिल जाता, लेकिन वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा मजदूरों से न कराकर मशीन से कार्य कराया गया है, मुश्किल से तालाब निर्माण का कार्य दो सप्ताह चला है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा पांच लाख ही खर्च हुआ होंगा।

भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र में तालाब निर्माण, चगडेम निर्माण, सहित अन्य निर्माण कार्यों में जमकर धांधली करने का मामला प्रकाश में आ रहा है। वन परिक्षेत्र के जंगलों में तालाब निर्माण में थोड़ा मोड़ा कार्य करा कर लाखों रुपए के फर्जी भुगतान किया जा रहा हैं। तो वहीं दूसरी तरफ निर्माण कार्यों में भी जमकर धांधली किया गया हैं। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए का फर्जी बिल व्हाउचर बनाकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। लेकिन निर्माण कार्यों का जांच नहीं होने के कारण भ्रष्ट अधिकारियों का हौसले बुलंद होते जा रहा है। यदि जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा वास्तविक रूप से वन विभाग के द्वारा कराए गए कार्यों का अगर जांच किया जाए तो लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का खुलासा सामने आ सकता है और भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज गिर सकती है? लेकिन जांच करें तो कौन करें क्योंकि सभी को समयानुसार कमीशन पहुंचा दी जाती हैं।

तीन तालाब का खोदाई होना था मौके में दो तालाब

भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र के ग्राम मरदेल में नरवा योजना के तहत तीन तालाब का निर्माण किया जाना था लेकिन विभाग द्वारा दो ही तालाब का निर्माण किया गया है। सूत्रों से यहां जानकारी मिल रही हैं कि वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा फर्जी व्हाउचर लगाकर तीनों तालाब का राशि आहरण कर लिया गया है। लेकिन अभी तक दो ही तालाब का निर्माण किया गया है। जबकि तालाब निर्माण का कार्य मजदूरों से कराया जाना था लेकिन अधिकारियों द्वारा मशीन से कार्य कराया गया है।

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