छत्तीसगढ़पखांजुर

पखांजुर/ बारदा संकुल में हुआ पालक शिक्षक मेगा सम्मेलन।

बारदा संकुल में हुआ पालक शिक्षक मेगा सम्मेलन

पखांजुर/ संकुल स्तरीय पालक शिक्षक मेगा सम्मेलन शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला पी व्ही 61 में धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेमनंद मंडल एस एम सी अध्यक्ष शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बारदा कार्यक्रम के अध्यक्षता प्राचार्य गजाधर जैन विशेष अतिथि जयदेव मंडल सरपंच ग्राम पंचायत बलरामपुर, सुरजू कोमरे सरपंच बारदा, बैजूराम तूलावी सरपंच सत्यनगर, हरविलास मधू, अमर मंडल, देवाशीष बढ़ई, सुधांशु खराती एवं सभी पालक शिक्षक छात्र छात्राओं की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ महतारी सरस्वती मां की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम शुभारंभ किया गया।

संकुल में पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने, उन्हें बच्चे की प्रगति से अवगत कराने एवं बच्चों में भविष्य की संभावनाएं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय साधते हुए संयुक्त रूप से परिणाम उन्मुखी प्रयास करने हेतु पालक शिक्षक मेगा सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार मेरा कोना, छात्र दिनचर्या, बच्चे ने आज क्या सीखा, बच्चा बोलेगा बेझिझक, बच्चों की अकादमिक परीक्षा एवं प्रगति पर चर्चा, पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बस्ता रहित शनिवार, विद्यार्थियों की आयु कक्षा अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण की जानकारी, जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र, न्योता भोजन मध्यान्ह भोजन योजना, विभिन्न प्रतियोगिताएं परीक्षाओं, छात्रवृत्ति योजना एवं विभिन्न विभागीय योजनाओं, दीक्षा एप, आईसीटी, ई जादूई पिटारा, डिजिटल लाइब्रेरी आदि विषयों पर शिक्षकों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। सभी स्कूलों के बच्चों एवं पालकों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम लोक-संस्कृति, लोकगीत, लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य गजाधर जैन, संकुल समन्वयक अवध नागवंशी, संजीत मजूमदार, धर्मेंद्र भोई, विपुल सिकदार, पी आर ठाकुर, शिवाजी पांडे, हंसिला भोयर, खिलेन्द्र भुआर्य, कुंभराज सिदार, बैजू पावे, परदेशी कोमरे, सुरेश कोरेटी, रमेश ठाकुर, सरस्वती कोमरे, बबली कोकड़िया, तारक दास, महेश सरपे द्वारा विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। मंच का सफल संचालन राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक कृष्णपाल राणा द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में रसमय विश्वास, रतिराम ठाकुर, दिलीप डे, सुपद दास, नारायण समरथ, गोविंद देहारी, मिनार्भी चक्रवर्ती, हेलन कोटपरिया, उमा शील, अमरावती टांडिया, संतोष बघेल जयचंद सेन, आदि का योगदान रहा।

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